मारुति का ₹90,000 करोड़ का इलेक्ट्रिक दांव: e‑Vitara की तैयारी

Sandeep A
By Sandeep A
maruti suzuki vitara electric

दिल्ली में हाल ही में हुए Bharat Mobility Expo में मुझे मारुति के स्टॉल पर सबसे ज्यादा जो चीज़ आकर्षित कर रही थी, वह थी e‑Vitara का झांकता अवतार। दशकों से मारुति का नाम किफायती पेट्रोल‑डीजल गाड़ियों के साथ जुड़ा रहा है, लेकिन अब कंपनी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के मैदान में भी बड़ा दांव लगा रही है। चलिए समझते हैं कि ये ₹90,000 करोड़ का निवेश आखिर हमारे लिए क्या मायने रखता है।

₹90,000 करोड़ का निवेश

मारुति सुजुकी ने घोषणा की है कि इस वित्त वर्ष में वह कुल मिलाकर ₹80,000–₹90,000 करोड़ तक खर्च कर सकती है, जिसका मुख्य मकसद इलेक्ट्रिक व्हीकल्स विकसित करना, उत्पादन लाइनें बढ़ाना और निर्यात क्षमताओं को मजबूत करना है।

  • बड़ी रकम का कारण: Suzuki समूह ने पहले ही संकेत दिया था कि भारत को EV हब बनाने पर $4 बिलियन से ज्यादा का ध्यान दिया जाएगा।
  • कारखाने का विस्तार: हरयाणा के खारखौदा में बनने वाली तीसरी फेक्ट्री इसी निवेश का हिस्सा है, जो ICE गाड़ियों के साथ-साथ EV बनाना भी संभालेगी।

e‑Vitara: मारुति का पहला EV मॉडल

मारुति के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने कंफर्म किया कि e‑Vitara को कंपनी के अपडेटेड Heartect‑e प्लेटफ़ॉर्म पर सितंबर 2025 तक उतार दिया जाएगा।

  • उत्पादन लक्ष्य: वित्त वर्ष 2025–26 में करीब 70,000 यूनिट बनाकर भेजने की योजना है, जिनमें से ज्यादातर निर्यात के लिए जाएंगे।
  • डिज़ाइन: कॉम्पैक्ट SUV वाला लुक, बढ़ी हुई ग्राउंड क्लीयरेंस—देश की टूटी सड़कें और हिमाचल‑यात्राओं में भी आरामदेह।

निर्यात पर खास ध्यान

मारुति पहले से ही भारत की सबसे बड़ी ऑटो एक्सपोर्टर है, जो देश के कुल निर्यात का करीब 40% हिस्सा संभालती है।

  • मूल्य हेजिंग: अगर घरेलू EV मार्केट धीरे चले, तो अधिकतर e‑Vitara विदेशी बाज़ारों—जैसे जापान, यूरोप—में भेजकर कंपनी घाटा कम कर सकती है।
  • नए बाजार: छोटे EVs की डिमांड वाले देशों में मारुति नई जगह बना सकती है।

भारत में EV का परिदृश्य

सरकारी सब्सिडी और पॉलीसियों के बावजूद, हमारे देश में अभी EV केवल करीब 2.5% कार सेल में ही शामिल हैं, जबकि 2030 तक 30% का लक्ष्य रखा गया है। बड़े चैलेंज हैं:

  1. चार्जिंग नेटवर्क की कमी – टियर‑2 और टियर‑3 शहरों में चार्जर प्लग नहीं मिलते।
  2. बैटरी की महंगाई – EV की कीमत अभी औसत खरीदार की पहुंच से ऊपर।
  3. रेंज एंग्जाइटी – लोग दूरी तय करने में हिचकते हैं और रेसेल वैल्यू को लेकर भी संशय है।

मारुति के पास देश में सबसे बड़ा डीलर-नेटवर्क और किफायती कार बनाने का अनुभव है, जिससे ये चुनौतियां तेजी से कम हो सकती हैं।

चुनौतियाँ और आगे का रास्ता

  • प्रतिस्पर्धा तेज: Tata, Hyundai, MG जैसी कंपनियाँ पहले से ही EV सेगमेंट में पैर पसार चुकी हैं।
  • नीति‑निर्भरता: FAME II सब्सिडी और GST छूट जारी रहे, ये कीमतों में अंतर बनाए रखेंगे।
  • डीलर तैयारियाँ: 3,000+ शोरूम्स को EV सर्विसिंग, चार्जिंग प्वाइंट्स और ट्रेनिंग में अपग्रेड करना होगा।

अगर मारुति किफायती कीमत, भरोसेमंद रेंज और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का संतुलन बना पाए, तो यह वही इतिहास दोहरा सकती है जो उसने छोटी कारों के जरिए बनाया था।

निष्कर्ष और मेरी राय

हमारे यहाँ मारुति खरीदना बहुतों के लिए पहली कार बनने जैसा है। अब सोचिए, वही कार पेट्रोल की जगह बिजली पर चले और किमी के आधार पर खर्च भी कम हो—यही वो क्रांति है जिसकी उम्मीद EV से है। अगर e‑Vitara सही कीमत में, अच्छा रेंज और चार्जिंग सुविधा के साथ आए, तो यह सिर्फ एक मॉडल नहीं, पूरे भारत की मोबिलिटी की दिशा बदल सकता है। ड्राइविंग फ्युचर के लिहाज़ से मैं उत्साहित हूँ—शहर में और हिल स्टेशन की सड़कों पर भी सफर तेजी से साफ और शांत होगा।

Read the more related artical here:
Introducing Maruti Suzuki Electric SUV : e VITARA
Are EVs Really Worth It in India? Real-Life Look at Cost vs Savings

No comments yet. Be the first to comment!

Name is required.
Valid email is required.
Comment cannot be empty.