
आजकल ऑनलाइन सीखना उतना ही आम हो गया है जितना सुबह WhatsApp चेक करना। पहले चाय-स्टाल पर लोग मैच के स्कोर या राजनीति पर बहस करते थे, अब “यार, मैंने कल एक मुफ्त AI कोर्स पूरा किया” सुनने को मिलता है। यह ऑनलाइन लर्निंग का ट्रेंड चुपके से हमारे बीच आ गया, जैसे शहर भर में अचानक मोबाइल टावर खड़े हो गए—अब हर कोई कनेक्टेड है और सीख रहा है।
इंटरनेट की कीमत अभी भी सड़क किनारे बिकने वाले मिग्रेन नूडल्स से कम है, इसलिए दूर-दराज के क्षेत्र में रहने वाला असम का कॉलेज स्टूडेंट हो या गुजरात की गृहिणी, हर कोई अपने फोन से नई स्किल सीख रहा है।
2025 में मुफ्त लर्निंग का क्रेज़
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत का ई-लर्निंग मार्केट 2024 में ₹68,000 करोड़ पार कर गया, और अग आठ साल में यह तिगुना तक पहुँच सकता है। यह सिर्फ IIT या टेक बच्चों की बात नहीं रही—सस्ते मोबाइल वाले भी बाइक रिपेयर, यूट्यूब चैनल बनाना या इंग्लिश बोलना सीखते हैं। UNESCO ने हालिया रिपोर्ट में बताया कि अभी भी लाखों बच्चे क्लासरूम तक नहीं पहुँच पाते। ऐसे में ये फ्री ऐप्स सच में फर्क ला रहे हैं।
सरकार का SWAYAM प्लेटफ़ॉर्म अब १३ भारतीय भाषाओं में कंटेंट दे रहा है, वहीं प्राइवेट कंपनियाँ हल्के वज़न वाले ऐप्स बना रही हैं जो पुराने फ़ोन्स पर भी चल जाते हैं। तो अगर आपके पास 4G है और सीखने की थोड़ी दिलचस्पी, 2025 आपके लिए स्किलअप का बेस्ट साल हो सकता है।
मेरी खुद की कहानी
मैं एक छोटे कस्बे से हूँ जहाँ “कंप्यूटर क्लास” मतलब धूल भरी रूम में एक मॉनिटर और कोई Wi-Fi नहीं। COVID के दौरान बोर होकर CodeWithHarry नाम के यूट्यूब चैनल पर पहुँच गया। धीरे-धीरे कोर्सेज़ करके मैंने अपने मोहल्ले के लिए एक छोटा-सा ग्रॉसरी साइट बना दिया। कोई पैसे नहीं हुए, लेकिन पड़ोस के ही एक दुकानदार ने मुझे पार्ट-टाइम नौकरी दे दी। उस दिन समझ आया—कभी-कभी फ्री चीज़ें पेड से बेहतर सिखाती हैं, जब आप खुद मेहनत करते हो।
वाक़ई में टॉप प्लेटफ़ॉर्म्स (अप्रैल 2025 तक)
- SWAYAM: अब १३ इंडियन लैंग्वेज में कोर्स। IIT मद्रास का फ्री AI कोर्स खासकर पॉपुलर हुआ है—नो फीस, नो ड्रामा।
- Coursera Free Projects: दो-तीन घंटे के शॉर्ट कोर्स, कम RAM वाले फ़ोन पर भी स्मूद।
- edX Audit Track: सर्टिफिकेट नहीं मिलता, पर पूरा कंटेंट फ्री। अब आप टॉपिक्स मिला-जुला कर माइनी-बूटकैम्प बना सकते हैं।
- Google Cloud Skills Boost: नया AI Essentials बैज, इंडियन स्टार्टअप्स इसे पसंद कर रहे हैं।
- Khan Academy Hindi: अब बच्चों के साथ बड़े भी—फाइनेंस टिप्स और बेसिक मैथ्स ऐड किया।
- GitHub Learning Lab: कोडिंग प्रैक्टिस के लिए बेस्ट, हिंदी कमांड सपोर्ट हो गया है।
- Duolingo + Bhashini: रियल-लाइफ़ इंडियन शब्द जैसे “rickshaw” या “chai” इंग्लिश लेसन में ऐड—रीलेशन आसान हो गया।
- SkillUp by Simplilearn: वीकली फ्री वेबिनार, खासकर साइबर सिक्योरिटी और डेटा फील्ड में एंट्री के लिए यूज़फुल।
एक सिंपल ट्रिक
थ्योरी के लिए edX (जैसे Python बेसिक्स), प्रैक्टिस के लिए GitHub Learning Lab। फिर प्रोजेक्ट्स LinkedIn पर पोस्ट करें। मैंने देखा, एक अच्छा प्रोजेक्ट पोस्ट करते ही रिक्रूटर मेट्स भेजने लगते हैं—परिवार वालों की बधाई से तेज़ रिजल्ट!
सीखते समय ध्यान रखने वाली बातें
- रैंडम कोर्स मत करें: देखें कंपनियाँ क्या हायर कर रही हैं—साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल मार्केटिंग, AI अभी हॉट स्किल्स हैं।
- बड़े प्लान छोड़ें: “इस साल २० चीज़ें सीखूंगा” के बजाय रोज़ १५ मिनट क्लास—IPL मैच के बीच में भी हो सकता है।
- स्टडी ग्रुप बनाएँ: दोस्तों या कजिन्स का व्हाट्सऐप ग्रुप, पियर प्रेशर से प्रोग्रेस होती है।
- सर्टिफिकेट्स पर मत फोकस करें: वर्किंग पोर्टफोलियो ज़्यादा मायने रखता है—GitHub प्रोजेक्ट, Canva डिज़ाइन, या YouTube कुकिंग वीडियो।
- नियमित रिफ्रेश: हर ३–४ महीने में एक नई स्किल—माइंड शार्प रहती है।
बोंस टूल्स जो टाइम बचाते हैं
- ReSplit: बताए जब पेड कोर्स फ्री हो जाए—रविवारी या नवरात्रि के आसपास।
- Video Speed Controller: लेक्चर स्पीड बढ़ाएं बिना टीचर को चिपमंक बनाए।
- Mercury Reader: ब्लॉग की गंदगी हटाकर सीखने में फोकस बढ़ाएं।
आख़िरी ख़्याल
आज सीखना स्कूल की तरह नहीं, बाज़ार की सैर जैसा हो गया है—कहीं पता चलता ही क्या। बस बीच में आधे काम मत छोड़ो। रांची के हॉस्टल हों या मदुरै की दुकान—हर जगह एक स्किल सीखने का मौका है।
और हाँ, हर छोटे कोर्स को पूरा कर के मिलने वाला कॉन्फिडेंस—जब कोई आपसे टेक्निकल मदद मांगे और आप जवाब दे सकें—वो संतुष्टि डिग्री से नहीं मिलती।
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